Counter Terrorism: नक्सलियों पर सुरक्षाबलों को आए दिन बड़ी कामयाबी मिल रही है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से सेना ने नक्सल विरोधी अभियान में दो बड़े कमांडरों को ढेर कर दिया। सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में मारे गए इन दोनों ही नक्सलियों पर करीब 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
कौन थे मारे गए नक्सली?
सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान 63 वर्षीय राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और 67 वर्षीय कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि दोनों प्रतिबंधित संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य में शामिल थे और काफी लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों से दूर रहकर अपने काम को अंजाम दे रहे थे।
नक्सलियों से कैसे हुई मुठभेड़?
नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने इस मुठभेड़ को लेकर बताया कि अभुजमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों को वरिष्ठ माओवादी नेताओं की मौजूदगी की उन्हें अपने सूत्रों से सूचना मिली, जिसके बाद संयुक्त अभियान चलाया गया। इसके बाद जंगल में मुठभेड़ शुरू हो गई, जो कई घंटों तक चली, जिसमें दोनों ही नक्सली नेता मारे गए और उनके शव सेना ने बरामद किए।
सेना ने बरामद किए हथियार
इस मुठभेड़ में सेना को घटना स्थल से बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक मिले हैं। इनमें एक AK-47 राइफल, एक INSAS राइफल, एक बैरल ग्रेनेड लांचर, भारी मात्रा में विस्फोटक और नक्सली साहित्य मिले हैं।
Today, our security forces have achieved another major victory against the Naxalites. In the Abujhmad region of Narayanpur along the Maharashtra-Chhattisgarh border, our forces eliminated two Central Committee Member Naxal leaders – Katta Ramachandra Reddy and Kadri Satyanarayan…
— Amit Shah (@AmitShah) September 22, 2025
गृहमंत्री अमित शाह ने दी अपनी प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों पर लेकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सुरक्षाबलों को बधाई दी। उन्होंने लिखा “नारायणपुर और महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा के अभुजमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की है। सुरक्षाबलों के साहस और नक्सल उन्मूलन की दिशा में किए जा रहे प्रयास सराहना है।“
मोदी सरकार की नक्सलियों को खत्म करने की नीति
मोदी सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है। इस क्रम में कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए जा रहे हैं:
- नक्सल प्रभावित इलाकों में CRPF, COBRA जैसी विशेष फोर्स तैनात कर बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं, जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं करते, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
- ग्रामीण व जंगल वाले क्षेत्रों में सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों, मोबाइल टावरों और बिजली की सुविधाएं समय पर पहुंचाई जा रही है, ताकि लोग नक्सलियों से जितना हो सके दूर रह सके।
- हथियार छोड़ने वाले नक्सलियों को आर्थिक मदद मिलेगी, नौकरी और पुनर्वास की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
- नक्सल प्रभावित राज्यों में संयुक्त रणनीति और सूचनाओं का आदान-प्रदान भी सही हो रहा है।
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