Delhi Pollution: देश की राजधानी में दिन पर दिन वायु प्रदूषण चिंता का विषय बनाता जा रहा है। दिल्ली सरकार, नगर निगम, दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियां मिलकर वायु प्रदूषण के प्रति कार्रवाई तेज के साथ कर रही है। ऐसे में पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदूषण फैलाने वाले कुल 7580 वाहनों के चालान काटे गए हैं। साथ ही 1200 से अधिक टीमें राजधानी में सक्रिय हैं।
बता दें कि इन सभी टीमों का विशेष तौर पर ध्यान सड़क की धूल नियंत्रित करना, अवैध डंपिंग रोकना, कूड़ा जलाने की घटनाओं पर कार्रवाई करना और प्रदूषणकारी वाहनों पर तुंरत कार्रवाई करना है।
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के मुताबिक–पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामले भी सामने आ रहे हैं, जिसके कारण भी राजधानी में वाहन ओर ज़हरीली हो रही है। सरकार ने एजेंसियों को धूल नियंत्रण के प्रयास और ज़ोर से करने के निर्देश दिए हैं।
दिल्लीवासियों के लिए डॉक्टरों की बड़ी चेतावनी
राजधानी की हवा इतनी खराब होती जा रही है कि कई विशेषज्ञ का कहना है कि जिन लोगों को पुरानी सांस की बीमारी, हृदय संबंधी दिक्कत या फिर छाती की अन्य किसी भी तरह की बीमारी है, तो वह 6 से 8 हफ्ते के लिए दिल्ली छोड़ दें।
AIIMS के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. गोपीचंद खिलनानी का दिल्ली के वायु प्रदुषण को लेकर कहना है कि प्रदूषण फेफड़ों के साथ-साथ दिल, दिमाग, किडनी और इम्यून सिस्टम पर भी काफी असर डाल रहा है। जैसे कि- ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ना और हार्ट अटैक का जोखिम भी अधिक होना।

पहाड़ों में बुकिंग बढ़ी
इन दिनों राजधानी से लोग बहार पहाड़ों पर जा रहे हैं, ताकि वह प्रकृति की शुद्ध हवा पा सके और अपनी सेहत को सही रख सके। क्योंकि दिल्ली की प्रदूषित हवा से परेशान लोग अब अस्थायी तौर पर शहर से निकलने लगे हैं।
वहीं, कुछ ट्रैवल एजेंसियों का भी कहना है कि दो हफ्तों में पहाड़ी इलाकों की बुकिंग दिल्ली से 35-40% तक बढ़ गई है। लोग हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल, मसूरी, मुक्तेश्वर, रानीखेत, टिहरी और धनौल्टी जैसे शहर जाना सबसे अधिक पसंद कर रहे हैं।
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