शराब तस्करी में डिलीवरी बॉय का इस्तेमाल !
दिल्ली में डिलीवरी बॉय की आड़ में शराब तस्करी का नया मामला सामने आया है। पुलिस ने ऐसे कई युवकों को गिरफ्तार किया है, जो हरियाणा से सस्ती शराब लाकर दिल्ली में बेच रहे थे।
इनमें से कई को प्रति ट्रिप ₹30 हजार तक का लालच दिया जा रहा था।
मासूम चेहरों के पीछे तस्करी का धंधा
हालांकि देखने में ये लड़के आम डिलीवरी बॉय लगते थे, लेकिन इनके बैग में ई-कॉमर्स सामान की जगह शराब की बोतलें भरी होती थीं।
इसी बीच पुलिस ने गोविंदपुरी इलाके में एक डिलीवरी बॉय खुर्शीद को पकड़ा।
उसके बैग में 400 क्वार्टर अवैध शराब मिली, जिस पर ‘केवल हरियाणा में बिक्री के लिए’ लिखा था।
2025 में शराब तस्करी के मामलों में 75% बढ़ोतरी

2025 की पहली तिमाही में आबकारी अधिनियम के तहत 2,496 केस दर्ज हुए।
दूसरी तरफ, 2023 में इसी अवधि में ये संख्या सिर्फ 1,382 थी।
यानी इस साल 75% का इजाफा देखा गया है।
वहीं, 2024 में मामूली गिरावट के बाद अब तस्करी फिर तेजी से बढ़ रही है।
किस तरह की शराब और कितना फायदा ?
ज्यादातर तस्करी में सस्ती देसी शराब जैसे ‘देसी संतरा’ या लोकल ब्रांड की 180ml की बोतलें लाई जाती हैं। एक बोतल 50 रुपये में बिकती है।
इसके अलावा व्हिस्की, रम और वोदका भी इसी तरीके से मंगाई जाती हैं। इसलिए तस्करों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है।
30 हजार रुपये की एक ट्रिप
पुलिस के मुताबिक, एक गाड़ी में शराब भरी होने पर ड्राइवर को 20 से 30 हजार रुपये तक दिए जाते हैं। यही वजह है कि गिग इकॉनमी में काम कर रहे लोग लालच में आकर इस धंधे में फंस रहे हैं।
इसी तरह, शराब तस्करी में लगातार नए चेहरे शामिल हो रहे हैं।
हरियाणा से कैसे आती है शराब ?
अवैध शराब ज्यादातर हरियाणा के बजघेड़ा, सुरखपुर, झारोदा और ढांसा से दिल्ली पहुंचाई जाती है।
2022 में 2 लाख पेटियां जब्त हुई थीं, वहीं 2023 में ये आंकड़ा 3.5 लाख पर पहुंच गया।
इसी तरह 2024 में 16% की और बढ़ोतरी देखी गई। अकेले 2025 के 5 महीनों में 1.8 लाख पेटियां पकड़ी गई हैं।
तस्कर अब नई चालें अपना रहे
तस्कर अब टेम्पो, ट्रक, सेडान और यहां तक कि एम्बुलेंस से भी शराब भेज रहे हैं।
दूसरी तरफ, पुलिस अब ANPR कैमरों से संदिग्ध गाड़ियों पर नजर रख रही है।
खासतौर पर रात के समय गुड़गांव से दिल्ली आने वाली बाइकों पर कड़ी निगरानी की जा रही है।
हॉटस्पॉट पर पुलिस की पैनी नजर
पुलिस अब सादे कपड़ों में टीमें तैनात कर रही है। खासतौर पर बहादुरगढ़, शिदीपुर-लोवा और गुड़गांव के सीमावर्ती इलाकों पर नजर रखी जा रही है।
इसके अलावा, नजफगढ़ और कापसहेड़ा में बड़े तस्करों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया है।
वहीं, तस्कर अब सतर्क होकर काम कर रहे हैं और सीधे ग्राहकों से संपर्क नहीं कर रहे।