संघर्ष के दौरान चला फेक ऑनलाइन कैंपेन
फ्रांस ने आरोप लगाया है कि चीन ने राफेल को बदनाम करने की साजिश रची।
यह दावा भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद सामने आया है।
माना जा रहा है कि चीन ने अपने दूतावासों के ज़रिए यह प्रोपेगेंडा फैलाया।
AI और गेम फुटेज से गढ़ा गया भ्रम
फ्रांस का कहना है कि चीन और पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी फैलाई।
उन्होंने एडिट की गई तस्वीरें, AI जनरेटेड वीडियो और गेम की क्लिप्स का इस्तेमाल किया।
इसका उद्देश्य rafale की छवि को नुकसान पहुंचाना था। चीन का के खिलाफ फेक कैंपेन

हजारों फर्जी अकाउंट्स हुए एक्टिव
रिसर्च में सामने आया कि करीब 1000 फर्जी अकाउंट बनाए गए।
चीन की टेक्नोलॉजी को बेहतर दिखा रहे थे।
फ्रांस के पास इस बात के सबूत नहीं हैं कि इसमें सीधे चीनी सरकार शामिल थी।
चीन की सफाई: ये आरोप झूठे हैं
चीन ने आरोपों को खारिज किया है।
उसका कहना है कि वह हथियार निर्यात में ज़िम्मेदारी से काम करता है।
वह इसे बदनाम करने की कोशिश मानता है।
राफेल की ताकत क्या है?
राफेल फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट द्वारा बनाया गया लड़ाकू विमान है।
यह दो इंजन वाला है और बेहद तेज उड़ान भर सकता है।
यह 60,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है।
रेंज 3700 किमी और स्पीड करीब 2500 किमी प्रति घंटा है।
, इसमें इजरायली सिस्टम और ‘मेटिअर’ मिसाइल लगी है।
भारत ने 2016 में की थी डील
भारत और फ्रांस ने 2016 में राफेल डील पर साइन किए थे।
डील की कीमत 59,000 करोड़ रुपये थी।
, भारत ने राफेल को कई मिशनों में इस्तेमाल किया है।
दुनिया भर में 533 राफेल बिके
अब तक डसॉल्ट ने 533 राफेल जेट्स की बिक्री की है।
इनमें 323 विमान भारत, मिस्र, कतर, ग्रीस और UAE जैसे देशों को मिले हैं।
इंडोनेशिया ने 42 राफेल खरीदे हैं और और खरीदने की योजना बना रहा है।