चेन्नई – दक्षिण भारत और बॉलीवुड के सितार अभिनेता कमल हासन ने राजनीतिक में सक्रिय हो गए और उनके एक बयान पर खासा हंगामा खड़ा हो गया है। बुधवार शाम को तिरुप्परनकुंदरम विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान मदुरै में उनके ऊपर चप्पलें फेंकी गईं। कमल हासन ने तीन दिन पहले बयान दिया था कि ‘आजाद भारत का पहला चरमपंथी हिंदू’ था, उन्होंने नाथुराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या की ओर इशारा करते हुए यह बात कही थी।
पुलिस ने बताया कि चप्पलें हासन को नहीं लगीं, वह भीड़ पर ही गिर गईं।
पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में भाजपा कार्यकर्ता, हनुमान सेना और अन्य संगठन के सदस्यों पर आरोप लगाया गया है। अरवाकुरिचि और तिरुप्परनकुंदरम विधानसभा सीट पर रविवार को उपचुनाव होंगे। कमल हासन की पार्टी मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) ने इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
वहीं दूसरी ओर विवादों में घिरने के बाद कमल हासन ने बुधवार को कहा कि उन्होंने वही कहा है जो एक ऐतिहासिक सच था।
हासन ने मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। इससे पहले अदालत ने हासन की पूर्व याचिका पर गौर करने से इनकार कर दिया था, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी खारिज करने की अपील की थी। मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति वी पुगलेंधी ने कहा कि प्राथमिकी रद्द करने की याचिकाओं को अवकाश के दौरान तत्काल सुनवाई की याचिकाओं के तौर पर नहीं लिया जा सकता। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर अग्रिम जमानत याचिका दायर की जाती है तो उस पर सुनवाई हो सकती है। अरवाकुरिचि पुलिस ने मंगलवार को हासन के खिलाफ भादसं की धाराएं 153 ए और 295 ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। एमएनएम ने दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद विकास मंत्री केटी राजेंद्र भालाजी के खिलाफ चेन्नई एवं तिरुचिरापल्ली में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
मंत्री ने कहा था कि हासन के इस बयान के लिए उनकी जीभ काट ली जानी चाहिए।
हासन की पार्टी ने दावा किया कि रविवार को उनके दिये गये बयान को ‘संदर्भ से पूरी तरह हटाकर’ पेश किया गया। हासन ने मदुरै के समीप तिरूपुरकुंदरम में उप चुनाव के प्रचार के दौरान कहा, ‘मैं अरवाकुरिचि में जो कुछ कहा, उससे वे नाराज हो गये। मैंने जो कुछ कहा है वह ऐतिहासिक सच है। मैंने किसी को झगड़े के लिए नहीं उकसाया।’ उन्होंने कहा कि सच विजयी होता है न कि जाति और धर्म, तथा ‘मैने ऐतिहासिक सच कहा है।’ हासन ने कहा, ‘शब्द का अर्थ समझिए। मैं (गोडसे के खिलाफ) आतंकवादी या हत्यारा शब्द का इस्तेमाल कर सकता था। हम सक्रिय राजनीति में हैं, कोई हिंसा नहीं होगी।’ उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाषण को चुनिंदा ढंग से संपादित किया गया।