आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बीते तीन सालों से मुस्लिम समाज के साथ संवाद कायम करने में जुटे हैं। दिल्ली में उन्होंने मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक की, जिसमें इमाम संगठन के प्रमुख उमर अहमद इलियासी भी मौजूद रहे।
मस्जिद और मदरसे की यात्रा
साल 2022 में भागवत पहली बार मस्जिद और मदरसे गए थे।
उन्होंने कहा कि भारत विभाजन का घाव गहरा है और हम सबको मिलकर विश्वास की खाई भरनी होगी।
संघ-मुस्लिम संवाद से जुड़ी प्रमुख बातें और प्रतिक्रियाएं।
अजीबी का क्या कारगर होगा प्रयास ?
हालांकि जानकारों का मानना है कि जब तक जमीनी स्तर पर असर नहीं दिखेगा, तब तक यह पहल सिर्फ प्रतीकात्मक मानी जाएगी।
संघ के औटरीच प्रोग्राम की भूमिका
इसी बीच आरएसएस मुस्लिमों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए आउटरीच प्रोग्राम चला रहा है।
इसका मकसद कट्टरपंथ और अलगाववाद से मुकाबला करना है।
मुस्लिम नागरिक और क्रिटिक मुलाकाताएं
दूसरी तरफ नजीब जंग, सईद शेरवानी जैसे मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने भागवत से मुलाकात की, लेकिन कुछ मुस्लिम नेताओं ने इस पर सवाल उठाए।
14 राज्यों की कवाया
मार्च 2023 में संघ ने मुस्लिमों को भाजपा से जोड़ने के लिए अभियान चलाया। 14 राज्यों और 64 जिलों में यह प्रयास किया गया।
इसमें यूपी, बिहार, केरल जैसे राज्य शामिल थे।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की भूमिका
इसी तरह मुस्लिम राष्ट्रीय मंच भी ईद मिलन जैसे आयोजनों के जरिए मुस्लिम समुदाय में संवाद बढ़ाने में लगा है।
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