National News – संसद के मॉनसून सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा लगातार जारी हैं। इस दौरान शिवसेना ने एक कड़ा फैसला लेते हुए मोदी सरकार समेत सबको हैरान कर दिया।
सत्र शुरू होने से महज कुछ समय पहले ही सेवसेना ने ये फैसला लिया। शिवसेना ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद यह स्पष्ट कर दिया कि वह अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगी। इसके साथ ही शिवसेना लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भी हिस्सा नहीं लेगी। यानी परोक्ष रूप से शिवसेना के इस फैसले से मोदी सरकार को फायदा हो गया है।
इससे पहले शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा था कि ‘शिवसेना के स्टैंड पर पूरे देश की नजर है। हमारी पार्टी सही निर्णय लेगी।
साढ़े दस से ग्यारह के बीच में पार्टी के मुखिया खुद पार्टी को अपने निर्णय के बारे में बताएंगे। मगर शिवसेना ने चर्चा शुरू होने से ठीक कुछ मिनट पहले यह ऐलान कर दिया कि वह लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगी। इसका मतलब है कि शिवसेना ने प्रत्यक्ष रूप से न तो सरकार का साथ दिया है और न ही उसके फैसले से कांग्रेस को बल मिला है।
जानकारी के अनुसार ऐसी उम्मीद जताई जा रहीं थी कि शिवसेना सरकार का साथ देगी। मगर, उसने वोटिंग में हिस्सा न लेने के फैसले से मोदी सरकार के साथ-साथ सबको चौंका दिया है। हलाकि शिवसेना के के रुख पर काफी समय से लोगों की नजर थी के शिवसेना मोदी सरकार पर केसा स्टैंड लेगी। बता दे की ऐसा करने पर शिवसेना ने अपने लिए दोनों तरफ के दरवाजे खुले रखे हैं। शिवसेना ने वोटिंग से अलग रहने का फैसला लेकर अपने आपको न्यूट्रल और सुरक्षित रखा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को उम्मीद थी कि शिवसेना सरकार के खिलाफ में अपना वोट करेगी।