Nepal Election: बीते कुछ दिनों से नेपाल की हिंसा और राजनीति अब धीरे-धीरे खत्म होती दिखाई दे रही है। इसी बीच नेपाल में अब संसदीय चुनाव की तारीख भी घोषित कर दी गई है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अगले संसदीय चुनाव 5 मार्च 2026 को कराए जाने की घोषणा की है। बता दें कि यह बड़ा फैसला नव नियुक्त अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर लिया गया है।
संसद भंग और नया नेतृत्व
जैसा कि आप जानते हैं कि 12 सितंबर को राष्ट्रपति पौडेल ने Gen-Z प्रदर्शनकारियों की मांग मानते हुए संसद को भंग कर दिया था। इसके बाद नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को शुक्रवार की रात को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। जोकि नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री भी बनीं। पदभार संभालते ही पीएम सुशीला कार्की ने कई बड़े फैसले लेना शुरू कर दिए है, ताकि नेपाल में शांति और न्याय व्यवस्था बनी रहे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन
नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध, भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया था, लेकिन अब स्थिति समान्य होती नजर आ रही है। इस हिंसा के दौरान संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास समेत कई सरकारी इमारतों में आगजनी की घटनाएं हुईं। इस दौरान कई लोगों की मौत और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हो गए है।
पीएम खुद संभालेगी दो दर्जन मंत्रालयों का कार्यभार
अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की 14 सितंबर को अधिकारिक रूप से अपना पदभार ग्रहण करेंगी। शुरुआती दौर में वह एक छोटी कैबिनेट बनाएंगी, जिसमें गृह, रक्षा, विदेश और वित्त सहित करीब दो दर्जन मंत्रालयों का जिम्मा खुद ही संभालेंगी।
बताया जा रहा है कि प्रदर्शनों में क्षतिग्रस्त हुए सिंह दरबार को फिलहाल छोड़कर गृह मंत्रालय के नए भवन को प्रधानमंत्री कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी की जा रही है।
विपक्ष ने जमकर की आलोचना
राष्ट्रपति द्वारा संसद भंग करने के फैसले की कई राजनीतिक दलों समेत वकीलों ने कड़ी आलोचना की। विपक्षी नेताओं ने इसे असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ एक बड़ा कदम बताया है। भंग हुई प्रतिनिधि सभा के मुख्य व्हिप ने भी संयुक्त बयान जारी कर इस निर्णय का जमकर विरोध किया।
ये भी पढ़ें: नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की, पदभार संभालते ही मानीं Gen-Z आंदोलन की 5 शर्तें