दिल्ली समेत पूरे देश में गर्भवती महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) का विशेष रजिस्ट्रेशन अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, जिन महिलाओं ने अभी तक आवेदन नहीं किया है, उनके लिए 15 अगस्त तक का मौका है। इस योजना के तहत पहली बार मां बनने पर 5000 रुपये और दूसरी बार बेटी को जन्म देने पर 6000 रुपये दिए जाते हैं।
घर-घर जाकर हो रहा रजिस्ट्रेशन अभियान
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत विशेष रजिस्ट्रेशन ड्राइव चलाई जा रही है।
आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिलाओं को योजना की जानकारी दे रही हैं।
इसके अलावा, वे मौके पर ही eligible महिलाओं का रजिस्ट्रेशन भी कर रही हैं।
इस अभियान का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र महिला योजना के लाभ से वंचित न रह जाए।
योजना के तहत कैसे मिलती है आर्थिक सहायता?
पहली बार गर्भवती होने पर महिलाओं को कुल 5000 रुपये की राशि दी जाती है।
पहली किस्त में प्रेग्नेंसी रजिस्ट्रेशन के समय 3000 रुपये दिए जाते हैं।
दूसरी किस्त में शिशु जन्म का रजिस्ट्रेशन कराने पर 2000 रुपये मिलते हैं।
यदि दूसरी बार गर्भवती महिला बेटी को जन्म देती है, तो सरकार की ओर से 6000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाती है।
पूरा डिटेल पढ़ें (PIB ऑफिशियल लिंक):
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2152103
कौन-कौन महिलाएं पात्र हैं इस योजना के लिए ?
महिला की उम्र न्यूनतम 19 वर्ष होनी चाहिए।
परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
जिनके पास मनरेगा जॉब कार्ड या पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ है, वे भी पात्र हैं।
जिन महिलाओं के पास ई-श्रम कार्ड, बीपीएल कार्ड या दिव्यांग प्रमाण पत्र है, वे भी इस योजना का लाभ ले सकती हैं।
19000 करोड़ से ज्यादा की राशि सीधे खातों में ट्रांसफर
मंत्रालय के अनुसार, 31 जुलाई 2025 तक 4.05 करोड़ से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है।
Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से 19,028 करोड़ रुपये की राशि लाभार्थियों के बैंक या डाकघर खातों में ट्रांसफर की गई है।
इसी बीच, घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ता इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हैं, ताकि कोई भी पात्र महिला योजना से वंचित न रहे।
योजना के लाभ: मां और बच्चे के लिए पौष्टिक आहार का सहारा
इस योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग गर्भवती महिला और नवजात शिशु को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए किया जा सकता है।इसलिए, सरकार का फोकस है कि रजिस्ट्रेशन समय से हो और आर्थिक सहायता सही हाथों तक पहुंचे।
दूसरी तरफ, सरकार का कहना है कि इस अभियान के जरिए गर्भवती महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।