74,000 कोच और 15,000 इंजनों में लगेंगे हाईटेक कैमरे
भारतीय रेलवे अब यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठा रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 12 जुलाई को एक मीटिंग में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी।
देशभर के 74,000 ट्रेन कोच और 15,000 इंजन (लोकोमोटिव) अब CCTV कैमरों से लैस होंगे।
यह फैसला नॉर्दर्न रेलवे में सफल ट्रायल के बाद लिया गया, जिसमें यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों से प्रतिक्रिया ली गई थी।

हर कोच में 4 और हर इंजन में 6 कैमरे लगेंगे
रेलवे अब हर कोच में 4 डोम-टाइप कैमरे लगाएगा। हर गेट पर दो कैमरे होंगे।
वहीं, हर इंजन में 6 CCTV कैमरे लगाए जाएंगे — फ्रंट, रियर और दोनों साइड में।
इसके अलावा, लोको कैबिन में दो माइक्रोफोन भी लगाए जाएंगे ताकि ऑडियो रिकॉर्डिंग संभव हो सके।
कम रोशनी और तेज रफ्तार में भी मिलेगा HD फुटेजरेलवे, इंडिया AI मिशन के साथ मिलकर CCTV डेटा पर AI का इस्तेमाल भी करेगा, जिससे संदिग्ध गतिविधियों की पहचान और आसान हो जाएगी। इससे ट्रेनों में चोरी, छेड़छाड़, लूटपाट और असामाजिक तत्वों की हरकतों पर अब कड़ी नजर रखी जा सकेगी। रेलवे प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों पर भी अब सख्त कार्रवाई संभव होगी।
रेलवे सिर्फ STQC सर्टिफाइड लेटेस्ट टेक्नोलॉजी कैमरे इस्तेमाल करेगा।
ये कैमरे कम रोशनी और 100 kmph से ज्यादा स्पीड में भी हाई क्वालिटी फुटेज देंगे।
प्राइवेसी का रखा जाएगा पूरा ध्यान
रेलवे सिर्फ कोच के कॉमन एरिया में ही कैमरे लगाएगा, जैसे डोर के पास।
बाथरूम या केबिन जैसे प्राइवेट एरिया में कोई कैमरा नहीं होगा।
रेलवे अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि CCTV की वीडियो क्वालिटी और डेटा सिक्योरिटी पर कोई समझौता न हो।
AI की मदद से बढ़ेगी निगरानी
रेलवे, India AI Mission के साथ मिलकर इन कैमरों के डेटा पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करेगा।
इससे किसी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पहचान हो सकेगी।
अब चोरी, छेड़छाड़, लूटपाट जैसी घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी।
रेलवे प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वाले भी अब AI की नजर से नहीं बच पाएंगे।