सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली–NCR में बढ़ते एयर पॉल्यूशन पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से (CAQM) रिपोर्ट की मांग की है। जिसमे अदालत का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण का इंतजार न करें, बल्कि पहले से ही तैयारी करें, ताकि हालत गंभीर न हो।
योजना की दें रिपोर्ट
मुख्य न्यायधीश B.R गवाई और जस्टिस k. विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई की है। कोर्ट ने पूछा कि, बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए क्या किया। जिसमे (CAQM) को आदेश दिया कि पहले से की गई कार्यवाहियों और आगे की योजना की रिपोर्ट दें।

मॉनिटरिंग सही नहीं तो प्रदूषण का सही आकलन कैसे
दरअसल, अदालत की एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह का कहना है कि दिवाली पर दिल्ली के 37 में से केवल 9 मॉनिटरिंग स्टेशन काम कर रहे थे। जिस वजह से (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। सिंह ने यह भी कहा कि, मॉनिटरिंग सही नहीं तो प्रदूषण का सही तरीके से आकलन कैसे होगा।
सभी एजेंसियां जल्द ही देंगी रिपोर्ट
CAQM के वकील का कहना है कि डेटा की निगरानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ही (CPCB) करता है।जिसमे, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने भी भरोसा दिलाया है कि सभी एजेंसियां जल्द ही रिपोर्ट देंगी।
अगली सुनवाई जल्द
बता दें कि, दिवाली पर कॉर्ट ने पहले ही ग्रीन पटाखों की समिति दी थी। जिसमे 18 से 20 अक्टूबर तक बिक्री और तह समय में पटाखें फोड़ने की अनुमति दी थी। जिसमे (CPCB) और राज्य बोर्डो को 14 से 25 अक्टूबर तक रोज रिपोर्ट देने को कहा था।
लेकिन कोर्ट को (CAQM) की रिपोर्ट को दाखिल करना है। अगली सुनवाई जल्द ही होगी।



