उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक अनोखी योजना शुरू की है। अब किसान जब अपनी ज़मीन पर पौधा लगाएंगे, तो उन्हें ₹10,000 की एडवांस राशि तुरंत उनके खाते में मिलेगी।
इसका उद्देश्य सिर्फ पर्यावरण संरक्षण ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करना है।
कार्बन क्रेडिट के बदले मिल रही एडवांस रकम
दरअसल, पौधे वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड सोखते हैं और इसके बदले किसान को “कार्बन क्रेडिट” मिलता है।
हालांकि पहले यह भुगतान 5 साल बाद किया जाता था, लेकिन अब सरकार इसे एडवांस में ही दे रही है।
इसके पीछे सरकार की मंशा है कि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना से जुड़ें।
अब तक कितने किसानों को मिला लाभ ?
वन विभाग के अनुसार, पहले चरण में 237 किसानों को ₹48.6 लाख की आंशिक राशि दी गई है।
इसी बीच 25,140 किसानों ने पहले ही इस योजना के लिए पंजीकरण करा लिया है।
वहीं दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है, और अब यह योजना सात नए वन मंडलों में भी लागू हो रही है।
Farming linked with global carbon credit market in Uttar Pradesh — यह PDF Invest UP (यूपी सरकार का आधिकारिक निवेश पोर्टल)
कौन कर सकता है आवेदन और कैसे ?
सरकार ने 2024-25 को आधार वर्ष माना है। यानी जो किसान 2024-25 या उसके बाद पौधे लगाते हैं, उन्हें इस योजना का फायदा मिलेगा। इसके लिए किसानों को उत्तर प्रदेश वन विभाग में पंजीकरण कराना होगा।
इसके अलावा, पेड़ की स्थिति की जांच TERI और VNV Advisory जैसी संस्थाएं करेंगी, जिससे कार्बन क्रेडिट का मूल्यांकन होता है।
पैसे का हिसाब-किताब और समयसीमा
किसानों को हर 5 साल में प्रति मीट्रिक टन CO₂ सोखने पर एक कार्बन क्रेडिट मिलता है, जिसका मूल्य करीब 6 डॉलर (₹500 के आसपास) होता है।
यह भुगतान 30 वर्षों तक दिया जाएगा, बशर्ते पेड़ बचा रहे।
हालांकि अगर 5 साल बाद पेड़ नहीं रहा, तो बाकी की राशि नहीं मिलेगी।
कहां-कहां लागू हुई है योजना?
इस योजना का पहला चरण गोरखपुर, लखनऊ, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद और सहारनपुर में लागू हुआ था।
दूसरे चरण में देवीपाटन, अयोध्या, वाराणसी, कानपुर, झांसी, मिर्जापुर और अलीगढ़ जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
किसान के लिए आय का एक नया जरिया
पेड़ लगाना अब केवल पर्यावरण की सेवा नहीं, एक स्थायी आय का ज़रिया भी बन गया है।
किसानों को अब यह समझने की ज़रूरत है कि आने वाले समय में कार्बन फाइनेंस एक बड़ा अवसर बनने जा रहा है।
इसी तरह की योजनाओं से पर्यावरण भी बचेगा और किसानों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी।
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