Finance Minister – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तेल कीमतों पर बढ़ोतरी और डॉलर के प्रति कमजोर होते रुपये के बीच अर्थव्यवस्था पर समीक्षा बैठक ली।
बैठक के दौरान रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने प्रीजेंटेशन के जरिए अर्थव्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बता दे की इस बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक ख़त्म होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहां की अमेरिका में कुछ नीतिगत फैसले लिए गए हैं। जिसके चलते डॉलर मजबूत हुआ हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ी हैं। इन सबका प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ा हैं। उन्होंने बताया की भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर काफी ज्यादा हैं और दूसरे देशों की तुलना में भारत में महंगाई काबू में हैं।
उधर,पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में दो रुपये लीटर की कमी करने के लिए 30,000 करोड़ रुपये का राजस्व छोड़ना पड़ेगा।
सरकार इस समय राजकोषीय घाटे को बढ़ने की कोई छूट देना का जोखिम नहीं ले सकती।
इस से पहले शुक्रवार को एक बार फिर पेट्रोल डीज़ल के दामों में उछाल आया था। जहां राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 81.28 रुपये और डीज़ल 73.30 बिका। वहीं मुंबई में इसके दाम 88.67 रुपए प्रति लीटर और 77.82 रुपये लीटर रहें। इन बढ़ते दामों को लेकर विपक्ष आंदोलन भी कर चुकी हैं। जिसके तहत बीती 10 सितंबर को पेट्रोल और डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी को लेकर भारत बंद कराया गया था।
बताते चले की रुपया पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। अगस्त में रुपया छह प्रतिशत के करीब गिरकर 72 से नीचे चला गया था। वहीं, इस समय डीजल और पेट्रोल के भाव भी रिकार्ड स्तर पर चल रहे हैं।