हरियाणा कांग्रेस में लंबे इंतजार के बाद सोमवार को बड़ा बदलाव किया गया है। दरअसल, काफी समय से खाली पड़े दो बड़े पदों की आज नई नई नियुक्तियां कर दी गई है। पार्टी हाईकमान ने राव नरेंद्र सिंह को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) का अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस विधान सभा दल (CLP) का नेता नियुक्त किया गया है।
बता दें कि इस फैसले को मंजूरी पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के द्वारा दी गई है, जो राज्य की राजनीति में नए जातीय और सामाजिक समीकरणों के लिए काफी अहम है।
दोनों ही पद जाट के पक्ष में शामिल
पिछले दो दशकों से हरियाणा कांग्रेस में परंपरा रही कि पार्टी एक पद जाट समाज को और दूसरा दलित समाज के लिए होता था, ताकि राज्य में जाट-दलित दोनों का ही संतुलन बना रहता था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने इस नियम को तोड़ दिया है। अब दोनों अहम पद जाट नेताओं के पक्ष में ही होंगे।
पार्टी का यह कदम केवल जातीय राजनीति तक सीमित नहीं है। कांग्रेस अपने इस फैसले के जरिए हरियाणा की राजनीति में नए सामाजिक समीकरण बनाने की कोशिश है। खबरों के मुताबिक, पार्टी ओबीसी और अन्य समुदायों को जोड़कर अपना आधार बढ़ाने की रणनीति बना रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge ने श्री @RaoNarenderS को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया।
साथ ही, श्री @BhupinderShooda को हरियाणा का CLP लीडर नियुक्त किया है।
आप दोनों को बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं। pic.twitter.com/18rYZD0KjH
— Congress (@INCIndia) September 29, 2025
मिली जानकारी के अनुसार, भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम CLP नेता के लिए पहले से ही तय था। पार्टी के 37 विधायकों में से ज्यादातर ने उनके समर्थन में मौजूद थे। हुड्डा हरियाणा कांग्रेस में सबसे बड़े चेहरे के रूप में देखे जाते हैं और संगठन में उनकी पकड़ भी काफी अधिक मजबूत है।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नाम
वहीं, राव नरेंद्र सिंह का नाम भी लंबे समय से PCC अध्यक्ष के लिए चर्चा में बना हुआ था। उनका अनुभव और हाईकमान से करीबी रिश्ते होने के चलते इस पद का स्वाभाविक दावेदार उन्हें बनाते थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब राज्य की राजनीति में जातीय समीकरण लगातार तेजी से बदल रहा है।
भाजपा और जेजेपी की राजनीति भी इसी नियम के आधार पर आधारित रही है। ऐसे में कांग्रेस का यह नया नियम आने वाले समय में हरियाणा की राजनीति पर किस तरह का असर डालेगा, अब सभी नजर इसी पर है।
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